डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद : भारत के पहले राष्ट्रपति
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, भारत के प्रथम राष्ट्रपति
सामान्य परिचय :
जन्म : 3 दिसंबर 1884 ,जीरादेई ,बंगाल (अब बिहार)
मृत्यु : 28 फरवरी 1963 ,पटना , बिहार
राजनीतिक पार्टी : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पत्नी : राजवंशी देवी (मृत्यु 1962)
धर्म : हिंदू
भारत के प्रथम राष्ट्रपति
कार्यकाल : 26 जनवरी 1950-14 मई 1962
प्रारंभिक जीवन:
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के पिता महादेव सहाय संस्कृत तथा फारसी के विद्वान थे तथा उनकी माता कमलेश्वरी देवी एक धर्मपरायण महिला थी। 5 वर्ष की उम्र में राजेंद्र बाबू ने एक मौलवी साहब से फारसी में शिक्षा शुरू कर दी। इसके बाद वे प्रारंभिक शिक्षा के लिए छपरा के जिला स्कूल गया। राजेंद्र बाबू का विवाह उसमें की परिपाटी के अनुसार मात्र 13 वर्ष की उम्र में राजवंशी देवी से हो गया। विवाह के बाद भी उन्होंने पढ़ना प्रारंभ रखा और पटना की टीके घोष अकादमी से अपनी पढ़ाई जारी रखी।
वे जिला स्कूल छपरा चले गए और वहीं से 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा दी उस प्रवेश परीक्षा में उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
1902 में उन्होंने कोलकाता के प्रसिद्ध प्रेसीडेंसी कॉलेज मे दाखिला लिया। 1915 में उन्होंने स्वर्ण पद के साथ विधि परास्नातक की परीक्षा पास की और बाद में लॉ के क्षेत्र में ही उन्होंने डॉक्टर की उपाधि हासिल की थी।
हिंदी के प्रति उनका अगाध प्रेम था। हिंदी पत्र-पत्रिकाओं जैसे भारत ,भारतोदय तथा मित्र कमला आदि में उनके लेख छपते थे।
THANK-YOU
कांग्रेस की स्थापना
वे जिला स्कूल छपरा चले गए और वहीं से 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा दी उस प्रवेश परीक्षा में उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
1902 में उन्होंने कोलकाता के प्रसिद्ध प्रेसीडेंसी कॉलेज मे दाखिला लिया। 1915 में उन्होंने स्वर्ण पद के साथ विधि परास्नातक की परीक्षा पास की और बाद में लॉ के क्षेत्र में ही उन्होंने डॉक्टर की उपाधि हासिल की थी।
हिंदी के प्रति उनका अगाध प्रेम था। हिंदी पत्र-पत्रिकाओं जैसे भारत ,भारतोदय तथा मित्र कमला आदि में उनके लेख छपते थे।
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान :
1921 में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय के सीनेटर का पद त्याग दिया था। 1914 में बिहार तथा बंगाल में आई बाढ़ में उन्होंने काफी बढ़ चढ़कर सेवा कार्य किया था। 1934 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन के अध्यक्ष चुने गए थे। वह 12 वर्ष तक भारत के राष्ट्रपति रहे।निधन:
अपने जीवन के आखिरी महीने बिताने के लिए उन्होंने पटना के निकट सदाकत आश्रम चुना यहां पर 28 फरवरी 1963 को 78 2 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया।भारत रत्न:
सन 1962 में अवकाश प्राप्त करने पर राष्ट्र ने उन्हें भारत रत्न की सर्वश्रेष्ठ उपाधि से सम्मानित किया था।THANK-YOU
कांग्रेस की स्थापना
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