तुर्की सफलताओं के कारण। हिन्दुओ कि हार के कारण
1. राजनीतिक कारण:-
केंद्रीय सत्ता और राजनीतिक एकता का अभाव था। हिंदू राजाओं मे आपसी संघर्ष था।
2. सामाजिक दोष:-
हिंदू समाज में जात पात छुआछूत ऊंच-नीच आदि बुराइयां थी। बहुसंख्यक लोग उच्च शिक्षा तथा सैन्य प्रशिक्षण से वंचित रह गए देश की सुरक्षा का भार अल्पसंख्यक राजपूतों पर आ गया ।सामान्य जनता देश की राजनीति और भाग्य के प्रति उदासीन हो गई।
3. धार्मिक दोष:-
हिंदुओं में प्रत्येक संप्रदाय अपना वर्चस्व कायम करने के लिए हर संभव प्रयास करने लगा जिससे धार्मिक एकता नष्ट हो गई अहिंसा के सिद्धांत का भी हिंदुओं की शक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ा।
4. विदेशियों से संबंधित विच्छेदन:-
हिंदू दंभी और अहंकारी हो गए वह इस विश्वास के साथ चिपके रहे की उसके देश का ज्ञान विज्ञान धर्म दर्शन और युद्ध कला तथा रणनीति अन्य देशों से सर्वोच्च है और उन्हें किसी अन्य देश से सीखने की आवश्यकता नहीं है इस विचार के कारण हिंदुओं का विदेशों के साथ संबंध कम हो गए।
5. नैतिक पतन:-
हमारे विश्वविद्यालय मंदिर और मठ बुद्ध विहार सभी का नैतिक पतन हो गया जिससे शिक्षा में भारी कमी हुई।
6. सैनिक दुर्बलता:-
हिंदुओं के पास स्थाई तथा नियमित सेना का भाव था। सैन्य शक्ति का आधार केवल सामंतों के सैनिक दस्ते थे। सामन्त लोग हमेशा अपनी स्वार्थ में रहते थे और युद्ध में सामंत के मरने पर उसके सैनिक युद्ध से भाग खड़े होते थे।
आप हमारे YouTube Channel पर जा करे भी इस से सम्बन्धित विडीयो देख सकते है
https://youtu.be/b9yu2YNaDV8
THANK-YOU
केंद्रीय सत्ता और राजनीतिक एकता का अभाव था। हिंदू राजाओं मे आपसी संघर्ष था।
2. सामाजिक दोष:-
हिंदू समाज में जात पात छुआछूत ऊंच-नीच आदि बुराइयां थी। बहुसंख्यक लोग उच्च शिक्षा तथा सैन्य प्रशिक्षण से वंचित रह गए देश की सुरक्षा का भार अल्पसंख्यक राजपूतों पर आ गया ।सामान्य जनता देश की राजनीति और भाग्य के प्रति उदासीन हो गई।
3. धार्मिक दोष:-
हिंदुओं में प्रत्येक संप्रदाय अपना वर्चस्व कायम करने के लिए हर संभव प्रयास करने लगा जिससे धार्मिक एकता नष्ट हो गई अहिंसा के सिद्धांत का भी हिंदुओं की शक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ा।
4. विदेशियों से संबंधित विच्छेदन:-
हिंदू दंभी और अहंकारी हो गए वह इस विश्वास के साथ चिपके रहे की उसके देश का ज्ञान विज्ञान धर्म दर्शन और युद्ध कला तथा रणनीति अन्य देशों से सर्वोच्च है और उन्हें किसी अन्य देश से सीखने की आवश्यकता नहीं है इस विचार के कारण हिंदुओं का विदेशों के साथ संबंध कम हो गए।
5. नैतिक पतन:-
हमारे विश्वविद्यालय मंदिर और मठ बुद्ध विहार सभी का नैतिक पतन हो गया जिससे शिक्षा में भारी कमी हुई।
6. सैनिक दुर्बलता:-
हिंदुओं के पास स्थाई तथा नियमित सेना का भाव था। सैन्य शक्ति का आधार केवल सामंतों के सैनिक दस्ते थे। सामन्त लोग हमेशा अपनी स्वार्थ में रहते थे और युद्ध में सामंत के मरने पर उसके सैनिक युद्ध से भाग खड़े होते थे।
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Bahut achhe se explain kiya h apne..
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