नसिरुद्दीन महमूद (1246-1266 ई.)।। Nasiruddin Mahmud 1246-1266 ई.।। सुल्तान नसीरुद्दीन महमूद ।। नसीरुद्दीन महमूद कौन था।
नसिरुद्दीन महमूद (1246-1266 ई.)
इल्तुतमिश का कनिष्ठ पुत्र था। यह 10 जून1246 ई. को सिंहासन पर बैठा। उसके सिंहासन पर बैठने के बाद अमीर सरदारों एवं सुल्तान के बीच शक्ति के लिए चल रहा संघर्ष पूर्णत: समाप्त हो गया। नसिरुद्दीन विद्या प्रेमी और बहुत ही शांत स्वभाव का व्यक्ति था। शासन का सम्पूर्ण भार 'उलूग ख़ाँ' पर छोड़कर वह सादा जीवन व्यतीत करता था। बलबन की पुत्री का विवाह नसिरुद्दीन के साथ हुआ था
बलबन ने षड़यंत्र के द्वारा 1246 ई. में सुल्तान अलाउद्दीन मसूद शाह को हटाकर नासिरुद्दीन महमूद को सुल्तान बनाया ये एक ऐसा सुल्तान हुआ जो टोपी सीकर अपनी जीविका का निर्बहन करता था ।
महमूद के शासनकाल में समस्त शक्ति बलबन के हाथों में थी।प्रारंभ में बलबन चहलगामी का सदस्य था लेकिन धीरे-2 बलबन ने अपनी शक्ति का विस्तार किया तथा 1249 ई. में बलबन ने अपनी पुत्री का विवाह नासिरुद्दीन महमूद से कर दिया। सुल्तान ने बलबन को उलुग खाँ की उपाधि प्रदान की और सेना पर पूर्ण नियंत्रण के साथ नायब-ए -ममलिकात का पद दिया।
नासिरुद्दीन महमूद के शासनकाल में भारतीय मुसलमानों का एक अलग दल बन गया था जो बलबन का विरोधी था। इनका नेता इमामुद्दीन रिहान था। रिहान को एक धर्मच्युत (धर्म परिवर्तित करके मुसलमान बनाया गया था ), शक्ति का अपहरणकर्त्ता, षङयंत्रकारी आदि कहा गया है।
बलबन की शक्ति में वृद्धि को देखकर चहलगामी के एक सदस्य किचलू खाँ/ किश्लू खाँ ने बलबन के विरुद्ध षङयंत्र शुरु कर दिया। तथा सुल्तान को भङकाकर बलबन को नायब के पद से हटा दिया तथा दिल्ली से दूर भेज दिया।
बलबन ने सुल्तान की आज्ञा का पालन किया तथा दिल्ली से दूर चला गया। दूसरी तरफ किशलू खाँ ने रिहान जो वकील-ए-दर(सुल्तान के राजमहल की सुरक्षा का प्रमुख ) के पद पर था, को नायब -ए-ममलिकात का पद प्रदान किया तथा चहलगामी ने इसका विरोध किया। रिहान की हत्या करवा दी।
इन सभी कार्यों के बाद बलबन को फिर से नायब-ए-ममलिकात बनाया गया। तथा सारी शक्तियाँ फिर बलबन ने अपने हाथों में ले ली।
नासिरुद्दीन महमूद के काल में बलबन ने ग्वालियर, रणथंभौर, मालवा तथा चंदेरी के राजपूतों का दमन किया।
मृत्यु :- 12 फरवरी, 1265 ई. में सुल्तान की अचानक मृत्यु हो गई. क्योंकि नासिरुद्दीन महमूद का कोई पुत्र नहीं था. अतः बलबन उसका उत्तराधिकारी बना।
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